क्या करें
चाहे बिज़नेस हो या व्यक्तिगत जीवन की कोई समस्या हो या की हमें अपने मनचाहे परिणाम चाहिए हों, हर जगह हमें पहले इसे समझने की जरूरत है।
असली मुद्दा
जब आप किसी से बात करते हैं तब हमें उसे ध्यान से केवल सुनने की जरूरत होती है बिना इस बात की फिक्र किये कि आप को उसे क्या जवाब देना है। और तब तक आप उसे समझें जब तक आप उसकी समस्या को उससे बेहतर तरीके से ना समझ सकें। आप उसकी समस्या को उससे भी बेहतर ढंग से उसे समझा सकें। तब तक आप उसे सुनें समझें क्योंकि इसके बिना आप किसी भी समस्या को नहीं सुलझा सकेंगे।
दोनों पक्षों के नजरियों के अलावा आपको समस्या क्या है इसको भी देखना होगा। दोनों के नजरिये को दोनों एक साथ समझने के बाद दोनों मिलकर समस्या को देखने और उसके संभावित परिणामों ओर उपायों के बारे में समझना होगा।
समाधान
जब समाधान ऐसा होगा कि उसे दोनों ही स्वीकार कर सकेंगे तब जीत है, आपकी भी ओर सामने वाले की भी।
जब हम किसी व्यवसाय में हैं और हमारे पास कोई लक्ष्य है जिसे पूरा करना है तो हमें स्पष्ट रूप से पहले समस्या क्या है जो हमें कामयाब होने से रोकती है उसे समझने और पहचानने की जरूरत है। बिना समस्या को जाने आप समस्या को दूर नहीं कर सकते हैं। सामूहिक रूप से काम को करते हुए आपको अपना नजरिया दूसरों के सामने रखना और दूसरों के नजरिये को समझना बहुत जरूरी होता है और जब सभी टीम के सदस्य समस्या से अच्छी प्रकार से परिचित हो जाते हैं तब सभी मिलकर समस्या के सभी समाधानों को भी सिनर्जी (सामूहिक चेतना) के माध्यम से तलाश सकते हैं। इस प्रकार से लिये गए निर्णय के परिणाम भी आश्चर्यजनक परिणाम ला सकते हैं।
- मुख्य मुददे ओर समस्या क्या है?
- समस्याओं को दूर कैसे किया जाएगा?
- दोबारा से समस्या ना आये इसके समाधान कैसे हो?
- आपसी संबंध कैसे बेहतर हों?
- अपने सामूहिक लक्ष्यों को कैसे हासिल करना है?