The Power of shared Vision

अपना नजरिया (Vision) सांझा करने की ताकत

किसी भी काम को करते समय हमें उसका उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए नहीं तो अपने काम में जो शक्ति हमें लगानी होती है या उससे जो सामूहिक शक्ति पैदा हो सकती वो हमें तभी मिलती है जब हम अपने उद्देश्यों को बहुत स्पष्ट रूप से पहचान लेते हैं।

  • क्या आपने कभी सोचा है कि आप सुबह उठते ही काम पर क्यों लग जाते हैं?
  • आप जिस आर्गेनाइजेशन में काम करते हैं वो कौन से लक्ष्य को पाना चाहता है?
  • आप जिस परिवार में रहते हैं उसका सामूहिक लक्ष्य ओर उद्देश्य क्या है?
  • आपके जीवन का उद्देश्य क्या है?
  • क्या आप अपने काम से संतुष्ट है?
ये सवाल आप खुद से पूछ सकते हैं। क्योंकि बहुत से लोग सब कुछ करते रहते हैं बिना इस बात की फिक्र किये कि हमें क्या चाहिए और अमुक काम करने का कारण क्या है?
  • क्या ये करना मेरे लिए जरूरी था या कि महत्वपूर्ण था?
  • क्या मैं बस सामने जो भी काम दिख जाता है उसे अचानक बिना उसके महत्व को जाने करने लगता हूँ?
  • क्या हम बस आदतन काम को करने लगते हैं या किसी समझ से करते है?
इन सभी विषयों का महत्व तब बढ़ जाता है जब हम सच में ही अपने जीवन से जैसा हम जी रहे हैं उससे खुश नहीं होते। बहुत मजेदार है और इसे कर के देखें कुछ लोगों से ये सवाल पूछ कर देखें जो ऊपर लिखे हैं। आप जानकर हैरान होंगे कि जब आप कुछ देख लेते हैं जो कि महत्वपूर्ण हो तो उसे सांझा करने का आनंद ही कुछ और होता है।
जब आप किसी संगठन में काम करते हैं तो उसके सांझे लक्ष्य का पता न होने से उनकी भरपूर शक्ति का समावेश नही हो पाता। उन सब के मेल से जो शक्ति पैदा होनी चाहिए थी संगठन में उसका अभाव होता है। इसलिए उसमें सिनर्जी (Collective Consciousness) पैदा नहीं होती और हम उस काम को सफल नहीं बना पाते इसलिए। अपने सांझे लक्ष्यों या उद्देश्य को पा लेना बहुत ही उपयोगी है और यही वो शक्ति है जो आपके संगठन को शक्तिशाली और बहुत ताकतवर बना सकती है।

जीत जीत ओर जीत तभी संभव है जब हमें किसी काम को करने का कारण स्पष्ट पता हो और वो हमारी आत्मा की गहराइयों से मेल खाता हो।
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