परिवर्तन क्यों जरूरी है?
कुछ भी स्थाई नहीं है। आपका व्यक्तित्व आपकी भावनाएं और आपकी अनुभूतियां सभी सतत परिवर्तन की प्रक्रिया में है। बाहर हाल भयावह स्थिति यह है कि ज्यादातर लोगों मैं होने वाले अधिकांश परिवर्तन बगैर किसी देखा पूर्व विचार या व्यक्तिगत नियंत्रण के होते हैं। जब हम परिवर्तन करने के बारे में नहीं सोचते तो परिस्थितियों के बदलने पर हमें अक्सर हैरानी या निराशा होती है हम खुद को किस प्रकार बदले यह फैसला करने की बजाय हम बाहरी परिस्थितियों पर ही प्रक्रिया करते रहते हैं। प्रतिक्रिया करने का काम तरीका नौकरी जीवनसाथी या दोस्त बदलना। लोग सोचते हैं अगर उनका बॉस या जीवनसाथी या मकान आदर्श होता है तो सब कुछ बेहतरीन होता है। लेकिन ज्यादातर लोग कभी चेतन दृष्टि से खुद को बदलने के बारे में नहीं सोचते हैं।
अपने चारों तरफ नजर डालें आपको दो तरह के लोग दिखाई देंगे जो बदल रहे हैं और जो बदलने का प्रतिरोध कर रहे हैं यहां तक कि इससे बच रहे हैं।
जरा सोचिए उन कर्मचारियों का क्या हुआ जिन्होंने कहा था मैं कभी कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं करूंगा? आज यह तो निहायती की शादी का और बिना तरक्की वाला काम कर रहे हैं या फिर उन्होंने डाटा प्रोसेसिंग क्रांति में शामिल होने का फैसला कर लिया है कामयाब लोग परिवर्तनशील होते हैं। यह काम करते हैं जिसे करने से दूसरे घबराते हैं। अगर कॉरपोरेशन ग्राहकों की मांगों के हिसाब से खुद को न बदलें तो उनका दिवालिया होना तय है। आपने नया और बेहतर आईवरी शॉप कितनी बार देखा होगा? आपको कैसा लगेगा अगर आपका डॉक्टर आप का ऑपरेशन करते वक्त हाईटेक लेजर लेंस के बजाय पुराने जमाने का चाकू निकाल ले? आपको वह कहानी याद होगी जो ईसा मसीह ने पुरानी वाइनस्किन के बारे में कही थी? वे कड़क और चुकी थी उनमें फैलने की क्षमता नहीं थी कई लोग भी इसी तरह के होते हैं वह अपने पुराने विचारों से जुड़े रहते हैं और अपनी गलती कभी नहीं मानना चाहते। ईसा मसीह ने चेतावनी दी थी कि हमें नहीं सर आप पुरानी वाइनस्किंस में नहीं रखनी चाहिए वरना वन स्किन फट जाएगी राफेल जाएगी और वाइनस्किन बर्बाद हो जाएगी। उन्होंने नई शराब नई वाइनस्किन में रखी और दोनों ही सुरक्षित रहे।
परिवर्तन के लिए लचीलापन अनुकूलन शीलता और पुराने विचारों की जगह नए विचार रखने की इच्छा की जरूरत होती है। इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी कि आज से 10 साल बाद आपका जीवन की क्यों ऐसा ही होगा जैसा कि इस वक्त चल रहा है? आप शायद इस भविष्यवाणी से बहुत रोमांचित नहीं होंगे? इसलिए अपने जीवन के कायाकल्प का सचेतन निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। ऐसी बात नहीं है जिसमें देर की जाए। प्रक्रिया तत्काल शुरू की जानी चाहिए। एक पुरानी कहावत है हम निर्णय लेकर ही निर्णय लेना सीखते हैं। शुरुआत में परिवर्तन का संकल्प करते समय चार बातें जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
एक! निर्णय भले ही गलत हो लेकिन फिर भी निर्णय लेना सकारात्मक शुरुआत और प्रगति की निशानी है। काम किस तरह पूरा किया जाएगा उसकी विस्तृत रूपरेखा तो बाद में बनेगी। सबसे पहले तो शुरू करने का निर्णय लेना होगा। इस निर्णय से हमारी रचनात्मकता और ऊर्जा बाहर आती है जो आगे के काम की रणनीति बनाने के लिए जरूरी है। बाहर हाल ज्यादातर लोग निर्णय लेने की प्रक्रिया को ही पूरी नहीं कर पाते। शुरुआत में ही यह जानना चाहते हैं कि इसे कैसे करना है। शायद वे इसकी विस्तृत योजनाएं भी बना ले। लेकिन वह संकल्प नहीं कर पाते अनिर्णय की स्थिति ज्यादा समय तक चले तो इसका परिणाम होता है शंका और डर का आत्मघाती चक्कर गलती के बारे में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है इस से मिलने वाला शब्द आप उन गलतियों से नहीं सीख सकते जो आपने की ही नहीं। ईसा मसीह ने पानी पर चलने के पीटर के निर्णय का सम्मान किया जबकि वे जानते थे की पीटर पानी में गिर सकता है। उन्होंने सफल होने दिया क्योंकि यही सीखने और विकास करने का एक रास्ता है।
दो! गलत निर्णय सुधारे जा सकते हैं लेकिन शून्य निर्णय नहीं। हमारे पास चुनाव करने की स्वतंत्रता है इसका मतलब यह है कि हमारे पास खुद को मूर्ख साबित करने की भी स्वतंत्रता है। हां हमारे पास असफल होने की भी स्वतंत्रता है जब हमारे पास असफल होने की स्वतंत्रता हो तभी हम जांच करने अन्वेषण करने और विकास करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। वैसे अगर हम अपने आपका विचार करना चाहते हैं तो हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हम गैर जिम्मेदारी से असफलता का चुनाव ना करें।
तीन! मार्गदर्शन सिर्फ गतिमान चीजों को ही मिलता है। खड़ी हुई कार को दिशा बताने की जरूरत नहीं होती लेकिन जैसे ही कार चालू हो जाए और चक्के घूमने लगे तो आप इसे उस दिशा में मोड़ सकते हैं जिधर आप यात्रा करना चाहते हैं आप जब निर्णय ले लेंगे और उस पर अमल करने लगेंगे तो आपको तत्काल अपने भीतर शक्ति का एहसास होगा। यह योजना को नियंत्रित करने और उसे मार्गदर्शन देने का परिणाम है।
चार! कोई भी चीज हिलने के निर्णय के बिना हिलती नहीं है अगर परिस्थितियों और बाहरी प्रभावों के भरोसे रहेंगे तो आपका जीवन दिशाहीन हो जाएगा। जिंदगी बिना किसी उद्देश्य के चलती रहेगी इसलिए परिवर्तन के अत्यावश्यक निर्णय लेने से बचना इतना ज्यादा खतरनाक है। असफलता से पूरी तरह बचने की कोशिश हार का मार्ग है।